
मीडिया इनपुट
भोपाल । डीजीपी वीके सिंह के कन्फर्मेशन के लिए मुख्य सचिव एसआर मोहंती दिल्ली में हैं। उनकी यूपीएससी के चेयरमैन के साथ बैठक होगी। बैठक में राज्य सरकार द्वारा डीजी वेतनमान के अफसरों की सूची में प्रथम तीन नामों का चयन किया जाएगा। तीन नामों में किसे राज्य का डीजीपी बनाना है यह निर्णय मुख्यमंत्री का होता है। राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मुख्य सचिव ही बैठक में शामिल होते हैं। बाकी यूपीएससी और केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी रहते हैं। हालांकि बैठक को औपचारिकता और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन माना जा रहा है, क्योंकि डीजीपी वीके सिंह वरिष्ठता में नंबर एक पर है और साढ़े नौ माह से कार्य कर रहे हैं। उल्लेखनीय है की सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार डीजीपी की कंफर्म नियुक्ति तभी मानी जाती है, जब यूपीएससी द्वारा क्लीयर करने के बाद सरकार द्वारा आदेश जारी किया जाए, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह परपरा बंद हो गई थी और सरकार डीजीपी की नियुक्ति के बाद यूपीएससी से कन्फर्मेशन कराना भूल जाती थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में बाद मध्यप्रदेश में शायद पहली बार किसी डीजीपी के नाम का यूपीएससी कन्फर्मेशन करेगी।
इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि वीके सिंह को साढ़े नौ माह पूर्व प्रदेश पुलिस का मुखिया बनाया गया था। भारतीय पुलिस सेवा के 1984 बैच के अधिकारी वीके सिंह वर्तमान में प्रदेश के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अफसर हैं और उनका कार्यकाल 31 मार्च 2021 तक है। सिंह के बाद वरिष्ठता में एमएस गुप्ता, संजय चौधरी, अशोक दोहारे, राजेन्द्र कुमार आदि के नाम हैं।