विशेष रिपोर्ट

विशेष लेख : छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा देवगुड़ी स्थलों के संरक्षण और संवर्धन से सांस्कृतिक धरोहर की हो रही है पुनर्स्थापना

विशेष लेख : छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा देवगुड़ी स्थलों के संरक्षण और संवर्धन से सांस्कृतिक धरोहर की हो रही है पुनर्स्थापना

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा' से साभार


आलेख- श्री लक्ष्मीकांत कोसरिया, उप संचालक, जनसम्पर्क

रायपुर :  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने देवगुड़ी को संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए उन स्थलों के संरक्षण और संवर्धन के लिए विशेष प्रयासों पर जोर दिया है। उन्होंने संबंधित विभागों को इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने और स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। देवगुड़ी के संरक्षण से न केवल सांस्कृतिक धरोहर को संजोने में मदद मिलेगी बल्कि इससे क्षेत्रीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

छत्तीसगढ़ में सैकड़ों देवगुड़ी वनसमृद्ध जनजातीय क्षेत्रों में स्थित हैं। ये स्थल जनजातीय समुदायों द्वारा पूजनीय हैं एवं राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और पारिस्थितिक संपदा का अभिन्न हिस्सा हैं। स्थानीय जनजातीय देवताओं के निवास स्थल होने के कारण ये पारंपरिक अनुष्ठानों और त्योहारों का केंद्र हैं, साथ ही ये जैव विविधता के अनूठे केंद्र भी माने जाते हैं।

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