
Bhringraj Benefits : भृंगराज (bhringraj) एक बहुत ही उपयोगी औषधीय पौधा है जिसका उपयोग शरीर के अंदर या बाहर होने वाली अनेक प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। आयुर्वेद चिकित्सक प्रायः बालों को झड़ने से रोकने, बालों के पकने, बालों के बढ़ने, लीवर, किडनी सहित पेट की कई बीमारियों के लिए मरीज को भृंगराज के सेवन की सलाह देते हैं।
भारत में भृंगराज (bhringraj) (एक्लिप्टा अल्बा) को अनेक नामों जैसे- भांगड़ा, थिसल्स, माका, फॉल्स डेज़ी, मार्कव, अंगारक, बंगरा, केसुति, बाबरी, अजागारा, बलारी, मॉकहैंड, ट्रेलिंग एक्लीप्टा, एक्लीप्टा, प्रोस्ट्रेटा आदि से पहचाना जाता है।
आयुर्वेद में भृंगराज (bhringraj in Hindi) को केसराज के नाम से भी जाना जाता है। इसे वर्षों से झड़ते बालों को रोकने, बालों को काला करने एवं त्वचा संबंधी बीमारी के उपचार के रूप प्रयोग किया जा रहा है। वास्तव में भृंगराज (एक्लीप्टा अल्बा) एक जड़ी बूटी है, जिसका काम शरीर को स्वस्थ बनाए रखना है। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीपक कुमार सोनी भृंगराज के फायदे, नुकसान और उपयोग के बारे में बता रहे हैं।
भृंगराज के फायदे
*आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मत है कि भृंगराज बालों और लीवर से जुड़ी समस्याओं के लिए लाभदायक है, क्योंकि इसमें केश्य गुण पाया जाता है।भृंगराज के अदभुत प्रयोग है।
*भृंगराज केशों के लिए यह महत्वपूर्ण तो है ही लेकिन इसके अन्य औषधीय गुण शायद और ज्यादा महत्वपूर्ण लगते हैं क्या आप जानते है कि भृंगराज(False daisy)आपका कायाकल्प करने में भी सक्षम है यदि सही तरीके से प्रयोग किया जाये तो यहाँ तक कि कैंसर से आप इसके सहारे लड़ सकते हैं और जीत भी सकते हैं
*यदि आपको बाल काले रखने हैं तो भृंगराज की ताजी पत्तियों का रस रोजाना सिर पर मल कर सोयें-
*यदि पेट बहुत खराब हो तो भृंगराज की पत्तियों का रस या चूर्ण दस ग्राम लीजिये उसे एक कटोरी दही में मिला कर खा जाइए ।दिन मे 3 times 2 days लेना है।
*पीलिया एक जानलेवा रोग है लेकिन रोगी को पूरे भृंगराज के पौधे का चूर्ण मिश्री के साथ खिला दीजिये 100 ग्राम चूर्ण पेट में पहुंचाते ही पीलिया ख़त्म या फिर भृंगराज के पौधे को ही क्रश करके 10 ग्राम रस निकालिए और उसमें एक ग्राम काली मिर्च का पावडर मिलाकर मरीज को पिला दीजिये दिन में 3 बार 3 दिनों तक इस मिश्रण में थोड़ा मिश्री का चूर्ण भी मिला ले।
*भृंगराज सफ़ेद दाग का भी इलाज करता है मगर काली पत्तियो और काली शाखाओं वाला भृंगराज चाहिए इसे आग पर सेंक कर रोज खाना होगा एक दिन में एक पौधा लगभग चार माह तक लगातार खाए।
*आँखों की रोशनी तेज रखनी है तो भृंगराज की पत्तियों का 3 ग्राम पाउडर एक चम्मच शहद में मिला कर रोज सुबह खाली पेट खाएं।
*अगर कोई तुतलाता हो तो इसके पौधे के रस में देशी घी मिला कर पका कर दस ग्राम रोज पिलाना चाहिए बस एक माह तक लगातार दे ।
*त्रिफला के चूर्ण को भृंगराज के रस की 3 बार भावना देकर सुखा कर रोज आधा चम्मच पानी के साथ निगलने से बाल कभी सफ़ेद होते ही नही है पर इसे किसी जानकार वैद्य से ही तैयार कराइये।
*इसके रस में यकृत की सारी बीमारियाँ ठीक कर देने का गुण मौजूद है लेकिन जिस दिन इसका ताजा रस दस ग्राम पीजिये उस दिन सिर्फ दूध पीकर रहिये भोजन नहीं करना है यदि यह काम एक माह तक लगातार कर लिया जाय तो कायाकल्प भी सम्भव है यह एक कठिन तपस्या है।
*बच्चा पैदा होने के बाद महिलाओं को योनिशूल बहुत परेशान करता है उस दशा में भृंगराज के पौधे की जड़ और बेल के पौधे की जड़ का पाउडर बराबर मात्रा में लीजिये और शहद के साथ खिलाइये 5 ग्राम पाउडर काफी होगा दिन में एक बार खाली पेट लेना है सिर्फ केवल 7 दिनों तक ही काफी है।
*इसका तेल बालों के लिये बहुत उपयोगी माना जाता है बालों को घने, काले और सुंदर बनाने के लिए भृंगराज का उपयोग कई तरह से किया जाता है भृंगराज के पत्तों का रस निकालकर बराबर का नारियल तेल लें और धीमी आंच पर रखें जब केवल तेल रह जाए तो बन जाता है "भृंगराज केश तेल"-अगर धीमी आंच पर रखने से पहले आंवले का रस मिला लिया जाए तो और भी अच्छा तेल बनेगा-बालों में रूसी हो या फिर बाल झड़ते हों तो इसके पत्तों का रस 15-20 ग्राम लें।
* एसिडिटी होने पर भृंगराज के पौधे को सुखाकर चूर्ण बना लिया जाए और हर्रा के फलों के चूर्ण के साथ समान मात्रा में लेकर गुड के साथ सेवन कर लिया जाए तो एसिडिटी की समस्या से निजात मिल सकती है।
* माईग्रेन या आधा सीसी दर्द होने पर भृंगराज की पत्तियों को बकरी के दूध में उबाला जाए व इस दूध की कुछ बूँदें नाक में डाली जाए तो आराम मिलता है।
* भृंगराज एवं आंवले लें के ताजे पत्तों को पीस कर बालों की जड़ों में लगायें साथ ही नीम-शिकाकाई आंवला-कालातिल-रीठा इन सब को साथ मिलाकर एक पेस्ट बना लें यह आपके लिए एक हर्बल शैम्पू का काम करेगा जो बालों को कंडिशनिंग के साथ ही जड़ों को मजबूत बनाता है।
*भ्रंगराज की पत्तियों का रस निकालकर उसमे रुई भिगोकर सरसों के तेल में काजल बनाकर आँखों में लगाने से आँखो से पानी नहीं निकलता और आँखों में खुजली भी नहीं होती हैं (एजेंसी)