कांकेर

शासकीय महाविद्यालय सिलफिली में शिक्षक दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों का किया गया मार्गदर्शन

शासकीय महाविद्यालय सिलफिली में शिक्षक दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों का किया गया मार्गदर्शन

हाशिम खान 

सूरजपुर: शासकीय महाविद्यालय सिलफिली में भूतपूर्व राष्ट्रपति तथा शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के स्मृति में 5 सितंबर 2023 को शिक्षक दिवस मनाया गया तथा दो प्रसिद्ध वक्ताओं के द्वारा विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथि द्वय श्री हरिशंकर त्रिपाठी, वरिष्ठ अधिवक्ता तथा श्री वेद प्रकाश अग्रवाल, वरिष्ठ साहित्यकार तथा समाजसेवी, प्राचार्य डॉ. रामकुमार मिश्र तथा वरिष्ठ प्राध्यापक श्री बृज किशोर द्वारा संस्कृति की देवी सरस्वती तथा डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छायाचित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन के द्वारा हुआ। दीप प्रज्वलन के पश्चात अतिथियों के लिए स्वागत गीत दो छात्राओं जीनत गौसिया तथा जैतुन निशा ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में गुरु की महिमा तथा राधाकृष्णन के जीवन का परिचय छात्रा गायत्री मिश्रा ने दिया। इसके पश्चात गायत्री राजवाड़े बीएससी अंतिम वर्ष की छात्रा ने एक नृत्य प्रस्तुत किया। छात्रा प्रीति मिश्रा तथा आस्था बघेल ने डॉक्टर राधाकृष्णन के जीवन के विभिन्न प्रसंगों से विद्यार्थियों को अवगत कराया। संगीता ने नागपुरी में एकल नृत्य एवं मिताली तथा उमा ने बंगाली समूह नृत्य प्रस्तुत किया।

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कार्यक्रम के अगले चरण में श्री वेद प्रकाश अग्रवाल ने विद्यार्थियों को मन से शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने डॉ. राधाकृष्णन के जीवन की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि डॉ. राधाकृष्णन से किसी ने पूछा कि आप विदेश पढ़ने क्यों नहीं गए तो उन्होंने कहा कि मैं विदेश पढ़ाने जाऊंगा। डॉक्टर राधाकृष्णन अच्छे लेखक, दार्शनिक तथा शिक्षाविद थे। उन्होंने कालांतर में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। श्री हरिशंकर त्रिपाठी ने अपने ओजपूर्ण व्याख्यान से विद्यार्थियों को प्रतिदिन अध्ययन की आदत डालने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन अध्ययन की आदत से अध्ययन में रुचिपूर्ण लगने लगेगा। उन्होंने कहा कि आप शिक्षकों से प्रश्न करें। यदि आप प्रश्न नहीं करेंगे तो आप अच्छा ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते। शिक्षक बेहद सकारात्मक सोच वाले तथा रुचि पैदा करने वाले होते हैं। और शिक्षकों को भी इसी प्रकार अध्यापन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक कम पढ़े लिखे व्यक्ति के पुत्र महामना मदन मोहन मालवीय ने अपने दृढ़ संकल्प के कारण पूरे देश से चंदा एकत्रित कर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के स्थापना 1916 में की। इस प्रकार के दृढ़ संकल्प से विद्यार्थी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। श्री त्रिपाठी ने फिल्म, साहित्य, गीत, संगीत, कला, शिक्षा तथा लोक कथाओं के माध्यम से विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को अच्छे अध्ययन तथा अध्यापन के लिए प्रेरित किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रामकुमार मिश्र ने कहा कि संतुष्टि जीवन में बेहद आवश्यक है। बहुत अधिक और अति शीघ्र अपने के लालसा के कारण हमारे भीतर षड्यंत्र पैदा होता है और हम समाज के लोगों की परवाह किए बगैर सिर्फ स्वार्थ पूर्ति में लग जाते हैं। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी जीवन ही स्वयं को गढ़ने का जीवन होता है। यदि हमने उस जीवन को खो दिया तो हम जीवन के लक्ष्य से दूर होते चले जाएंगे। शिक्षा आपकी आलोचना दृष्टि का विकास करती है। आप विद्यार्थी के लिए आवश्यक है कि वे सबों की बात सुनें और अपनी समझ के अनुसार अच्छी बातों को अपनाए। वे अपने जीवन में कृत्रिमता न आने दे। उनका स्वयं का व्यक्तित्व उसमें अवश्य दिखाई देना चाहिए। प्राचार्य महोदय ने कार्यक्रम के अंत में दोनों अतिथियों तथा अच्छे आयोजन के लिए छात्र-छात्राओं के प्रति आभार प्रदर्शन किया तथा विद्यार्थियों को शिक्षक दिवस की बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के प्राध्यापक श्री अजय कुमार तिवारी तथा दो छात्राओं आंचल कुशवाहा तथा नेमी तिवारी ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक श्री बृजकिशोर त्रिपाठी, डॉ. प्रेमलता एक्का, श्रीमती शालिनी शांता कुजूर श्रीमती अंजना श्री अमित सिंह बनाफर श्री भरत लाल कंवर श्री आशीष कौशिक, श्री जफीर, सुश्री स्वाति यादव के साथ-साथ कार्यालयीन कर्मचारी श्री वीरेंद्र सिन्हा, श्री अशोक राजवाड़े, श्रीमती सुनीता गुप्ता, श्री ताराचंद साहू, श्री दिनेश तथा श्री हेमंत के साथ लगभग 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

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