
बिलासपुर हाईकोर्ट : राजधानी रायपुर के इंडियन बैंक के ब्रांच मैनेजर नियोजित विश्वास पर धोखाधड़ी का पुलिस ने जुर्म दर्ज किया है। 2 करोड़ 13 लाख 71 हजार रुपए गबन करने का आरोप लगाते हुए विधानसभा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। विश्वास ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एनके व्यास ने धोखाधड़ी के आरोपी पूर्व ब्रांच मैनेजर की याचिका को खारिज कर दिया है। जमानता याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस व्यास ने अपने फैसले में लिखा है कि बैंक सार्वजनिक धन का सबसे बड़ा संरक्षक होता है। बैंक में काम करने वाले अधिकारी से लेकर कर्मचारियों में नैतिकता और ईमानदारी होना बेहद जरुरी है। अफसर इसी तरह धाेखाधड़ी करते रहे तो लोगों का भरोसा ही उठ जाएगा।
जानिए क्या है मामला
इंडियन बैंक दोंदेखुर्द ब्रांच के मैनेजर ने विधानसभा थाने में पूर्व ब्रांच मैनेजर नियोजित बिश्वास के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के अनुसार पूर्व ब्रांच मैनेजर ने विभिन्न खाताधारकों के एकाउंट से कुल 2 करोड़ 13 लाख 71637 रुपए निकाले। राशि आरटीजीएस एनईएफटी के माध्यम से अपने एसबीआई खाते में ट्रांसफर किया। शिकायत के आधार पर विधानसभा पुलिस थाना के अफसरों ने आईपीसी की धारा 409 के तहत एफआईआर दर्ज की है। कोर्ट ने कहा कि बैंक सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है। ऐसे में नैतिकता और ईमानदारी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। (एजेंसी)