जय प्रकाश ठाकुर
सुकमा : छत्तीसगढ़ के छोर पर बसा हुआ आदिवासी बाहुल्य सुकमा जिला व जिले के सीमा से आंध्रप्रदेश, तेलंगाना व ओडिसा राज्य से प्रतिदिन हजारों की संख्या में आने जाने वाले यात्रियों को लगातार बसों में असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है इन्ही सारी समस्याओं को देखते हुए पिछले दिनों भाजयूमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी ने जिला परिवहन अधिकारी सुकमा को जिले से अन्य प्रदेश व राजधानी की ओर जाने वाले यात्रियों में दिव्यांगजनो,बुजुर्गों,महिलाओं को शासन के द्वारा निर्धारित छूट व सुविधा न मिलने,यात्रियों से दुर्व्यवहार कर अतिरिक्त किराया वसूलने व निर्धारित संख्या से अधिक यात्रियों को बस की गैलरी में जानवर की तरह भर कर ले जाने के विषय में ज्ञापन दिया था,वर्षो से मनमानी कर यात्रियों को परेशान करने वाले बसों पर दीपिका की शिकायत के बाद परिवहन विभाग अपनी कुम्भकर्णी नींद से जाग कर कुछ चालानी कार्यवाही की व यात्रियों से बस संचालको के द्वारा ज्यादा किराया लेने व बदसलूकी करने के विषय मे पूछताछ किया ,कार्यवाही करने के दौरान पता चला की सुकमा से दोरनापाल का किराया 51 रु है परन्तु बस संचालकों के द्वारा 60 रु जबरन वसूला जा रहा है |
बस में यात्रा कर रहे कूकानार के मुकुंददास, माँजजीडीह के डोण्डका राम,व कुछ महिला यात्रियों ने बताया कि बहुत ही अच्छी कार्यवाही हो रही है पर माह में एक बार इसी प्रकार से कार्यवाही होने पर व्यवस्था सही हो पाएगी |
10 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होती हैं-दीपिका
वही इस पूरी कार्यवाही पर दीपिका का कहना है कि मेरा पिछले दो वर्षों से लगातार न्यायालय व राजनीतिक कार्यों को लेकर राजधानी एवं न्यायधानी आनाजाना लगा रहता है इस बीच मैंने देखा है कि हमारे आदिवासी भाई बहनों के साथ बस संचालकों का व्यवहार सही नहीं रहता है महिलाओं के लिए सीट आरक्षित रहने के बावजूद महिलाएं खड़े होकर सफर करती हैं जिनमे कई दफा गर्भवती माताएं भी रहती हैं दिव्यांगजनो एवं बुजुर्गों को शासन द्वारा निर्धारित सुविधाएं नहीं मिलती इन्ही सारी समस्याओं को लेकर मैंने जिला परिवहन अधिकारी को ज्ञापन दिया था जिस पर कार्यवाही हुई है मैं जिला परिवहन विभाग को धन्यवाद देती हूं व लगातार ऐसी ही कार्यवाही की अपेक्षा भी करती हूं।