Gujarat CID: गुजरात सीआईडी क्राइम ने 450 करोड़ रुपये के चिटफंड घोटाले को लेकर खुलासा किया है। गुजरात सीआईडी क्राइम की ओर से हाई-प्रोफाइल भारतीय क्रिकेटर शुभमन गिल, राहुल तेवतिया, मोहित शर्मा, बी साई सुदर्शनको 450 करोड़ रुपये के चिट-फंड घोटाले के सिलसिले में तलब किया जाना तय है। यह जांच अधिकारियों ने पोंजी योजनाओं के सरगना भूपेंद्र सिंह झाला से पूछताछ के बाद की है। दरअसल, भूपेंद्र सिंह झाला ने खुलासा किया था कि इन खिलाड़ियों की ओर से निवेश किए गए पैसे वापस नहीं किए गए हैं।
शुभमन गिल ने किया ₹1.95 करोड़ का निवेश
मीडिया रिपोर्ट की ओर से दी गई जानकारी में CID अधिकारियों के अनुसार, IPL टीम गुजरात टाइटन्स के कप्तान शुभमन गिल ने 1.95 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जबकि अन्य ने काफी कम राशि का निवेश किया था। अधिकारियों ने खुलासा किया कि उनकी उपलब्धता के आधार पर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। बता दें कि CID ऑफिसर्स ने रुशिक मेहता को पकड़ा था, जो भूपेंद्र सिंह झाला के खातों को संभालता था। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया, ‘अगर मेहता की संलिप्तता पाई जाती है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी। हमने बैंक लेन-देन और ज़ाला की ओर से बनाए गए एक अनौपचारिक खाता बही की जांच करने के लिए एकाउंटेंट की एक टीम भी तैनात की है। अनौपचारिक खाता बही को जब्त कर लिया गया है, और सोमवार से विभिन्न स्थानों पर छापेमारी जारी है।’
घोटाले की राशि ₹450 करोड़ से अधिक होने की संभावना
CID छापेमारी जारी रखेगी। इस घोटाले की राशि ₹450 करोड़ से अधिक होने की संभावना है। इस बीच CID की शुरुआती जांच में पता चला कि भूपेंद्र सिंह झाला ने 6000 करोड़ रुपए की चौंका देने वाली राशि की धोखाधड़ी की है। फिर भी, आगे की जांच में यह राशि ₹450 करोड़ रह गई। अधिकारी ने कहा, ‘भूपेंद्र सिंह झाला ने एक अनौपचारिक खाता बही भी रखी थी, जिसे सीआईडी अपराध इकाई ने जब्त कर लिया है। उस खाते में दर्ज लेन-देन की राशि लगभग 52 करोड़ रुपये है। मौजूदा जांच के आधार पर, हमारा अनुमान है कि कुल राशि लगभग 450 करोड़ रुपये है, और छापेमारी जारी रहने पर यह बढ़ सकती है।”
CID अधिकारी ने कही ये बात
इस मामले को लेकर एक CID अधिकारी ने कहा, “भूपेंद्र सिंह झाला ने एक अनौपचारिक खाता बही को सीआईडी टीम ने जब्त कर लिया है। उस खाते में दर्ज लेनदेन की राशि लगभग 52 करोड़ रुपये है। मौजूदा जांच के आधार पर, हमारा अनुमान है कि कुल राशि लगभग 450 करोड़ रुपये है, और छापेमारी जारी रहने पर यह बढ़ सकती है। जांच के लिए एक एकाउंटेंट टीम का गठन भी किया गया है।”(एजेंसी)































