एक ग्रामीण ने बताया कि महिला को अपने गांव से निकटतम पीएचसी तक ले जाते समय उन्होंने नदियों और कठिन रास्तों को पार किया। सौभाग्य से एक आशा कार्यकर्ता साथ थीं, जिसने मदद की।
एक ओर जहां देश में जी-20 जैसे सफल आयोजन हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आमजनों को कई मूलभूत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, महाराष्ट्र के ठाणे जिले से एक हैरान और चिंता करने वाली खबर सामने आई है। यहां प्रसव पीड़ा के बाद डोली की मदद से अस्पताल ले जाई जा रही एक आदिवासी महिला ने रविवार को रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया। दरअसल, खराब सड़क संपर्क मार्ग के कारण महिला को डोली से अस्पताल ले जाया जा रहा था।
बच्ची को दिया जन्म
शाहपुर तालुका के पटिकाचा पाड़ा गांव की महिला को परिवार के लोग सुबह के समय डोली में ले जा रहे थे। आशा कार्यकर्ता ने बताया कि दोपहर में महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। बाद में महिला और बच्चे को एक निजी वाहन से कसारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) ले जाया गया।
कठिन रास्तों को किया पार
एक ग्रामीण ने बताया कि महिला को अपने गांव से निकटतम पीएचसी तक ले जाते समय उन्होंने नदियों और कठिन रास्तों को पार किया। सौभाग्य से एक आशा कार्यकर्ता साथ थीं, जिसने मदद की।
सीएम शिंदे ने लिया था गांव को गोद
ग्रामीणों ने दावा किया कि उनके गांव को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उस समय गोद लिया था, जब वह ठाणे जिले के संरक्षक मंत्री थे। वहीं, स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने कहा कि मां और बच्चा सुरक्षित हैं। गौरतलब है, इससे पहले ऐसा ही एक मामला आंध्र प्रदेश से सामने आया था।
मीडिया इनपुट































