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मनरेगा योजना से ग्रामीणों को मिला रोजगार और आत्मनिर्भरता का अवसर

मनरेगा योजना से ग्रामीणों को मिला रोजगार और आत्मनिर्भरता का अवसर

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा' से साभार

डबरी निर्माण से बढ़ी सिंचाई सुविधा, फसल उत्पादन में हुआ सुधार

किसान तिरन एवं रूपधर ने डबरी निर्माण से बदली अपनी आर्थिक स्थिति

रायपुऱ : डबरी निर्माण से सिंचाई सुविधा में वृद्धि हुई है क्योंकि ये वर्षा जल के संचयन का स्थायी साधन प्रदान करती हैं, जिससे किसानों को बारहों महीने खेतों की सिंचाई करने में मदद मिलती है। इससे फसल उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि होती है, साथ ही यह मछली पालन जैसे अतिरिक्त आय के स्रोतों का अवसर भी देता है। मनरेगा के तहत डबरी निर्माण कार्य से कई ग्रामीण परिवारों को आर्थिक सफलता मिली है। डबरी निर्माण से न केवल रोजगार सृजित हुआ है, बल्कि सिंचाई की सुविधा भी बढ़ी है, जिससे कृषि उत्पादन में सुधार हुआ है। 

डबरी निर्माण से बढ़ी सिंचाई सुविधा, फसल उत्पादन में हुआ सुधार

गरियाबंद जिले से 67 किलोमीटर दूरी पर ग्राम पंचायत मुड़ागांव स्थित है। यहां मनरेगा जॉब कार्डधारियों की संख्या 360 है। यहां के एक कृषक श्री तिरन जो कि बारिश के पानी से ही अपनी खेती-बाड़ी का कार्य करते थे। उन्हें प्रत्येक वर्ष बेमौसम बारिश और पानी की कमी के कारण खेती करने में मुश्किल हो रही थी। जैसे-जैसे फसलें अफसल हो रही थी। आत्मविश्वास टूटता जा रहा था। पानी की कमी के कारण उनके जैसे कई अन्य किसान भी पर्याप्त फसल नहीं ले पाते थे। ग्राम सभा के माध्यम से महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत व्यक्तिगत व हितग्राही मूलक कार्य जैसे डबरी निर्माण कार्य के संबंध में जानकारी ग्रामीणों को दी गई। जिसमें बताया गया कि मनरेगा योजना से हितग्राही मूलक कई कार्य किए जा सकते हैं। डबरी निर्माण होने से फसल उत्पादन ज्यादा किया जा सकता है। 

गरियाबंद जिले से ग्राम पंचायत मुड़ागांव के तिरन-रूपधर ने डबरी निर्माण कराने का मन बनाया और उत्सुकतापूर्वक मनरेगा योजना के जनकल्याण कारी कार्य का लाभ लेने हेतु आवेदन ग्राम पंचायत में ग्रामसभा में जमा कराया। इसके बाद पंचायत द्वारा प्रस्ताव तैयार कर जनपद पंचायत में प्रेषित किया गया। स्वीकृति होने के पश्चात् कार्य को प्रारम्भ किया गया। डबरी निर्माण से हितग्राही मछलीपालन एवं आस-पास के खेतों में सिंचाई कर, फसल लगाकर अपनी एवं परिवार की आजीविका अच्छे से कर रहे है।     

मनरेगा योजना से ग्रामीणों को मिला रोजगार और आत्मनिर्भरता का अवसर

मछली पालन से अतिरिक्त आय 

हितग्राही श्री तिरन एवं रूपधर ने बताया कि डबरी निर्माण से आय के साधन में वृद्धि हुई जिससे ग्रामीण किसान आत्मनिर्भर बनते जा रहे है। कार्य से किसानों को फसल की उत्पादन क्षमता भी बढ़ती जा रही है, मछली पालन, खेती बाड़ी में अच्छी गुणवत्ता के साथ पैदावार हो रही है, जिसे बेचकर आय अर्जित करना एवं दैनिक रूप से जो भी खर्च है वह पूर्ति हो रही है। स्थल का सदुपयोग हुआ, खेतों में सिंचाई की सुविधा बढ़ी, आजीविका के साधन में वृद्धि हुआ।

कृषि ऊपज में वृद्धि

हितग्राही श्री तिरन पूर्व में मेरी जमीन में कुछ भी फसल नहीं हो रही थी जिसके कारण पूरे खेत में सिंचाई सही तरीके से नहीं हो पा रही थी। जिससे फसल के उत्पादन में कमी हो रही थी। मुझे ग्राम सभा के माध्यम से पता चला की शासन द्वारा मनरेगा योजना से किसानों के कृषि ऊपज में वृद्धि हेतु बहुत सारे कार्यों की स्वीकृति दी जा रही है। मैने भी ग्राम पंचायत में डबरी निर्माण हेतु आवेदन दिया जो शासन द्वारा स्वीकृत किया गया, डबरी होने से मेरी आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार आया है एवं वर्तमान में मैं अधिक मात्रा में फसल उत्पादन कर बेहतर कृषि करते हुए अपने आर्थिक स्थिति में सुधार महसूस कर रहा हूं। हमारा परिवार डबरी निर्माण कार्य से बहुत खुश है, और शासन के जन कल्याणकारी योजना के प्रति आभारी है एवं मै गांव के अन्य लोगों को भी डबरी निर्माण के महत्व को बताते हुए डबरी निर्माण कराने हेतु प्रोत्साहित करता हूं। मैं शासन को इस जन कल्याणकारी योजना के लिए धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।

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