
आंध्र सरकार के द्वारा मीडिया पर पाबन्दी लगाने की कोशिश के खिलाफ आज एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने चिंता जताई है गिल्ड का मानना है कि इस तरह से राज्य सरकार का अपने सभी विभाग के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को शक्तियां सौंपा जाना खतरनाक साबित हो सकता है. यह मीडिया की स्वतंत्रता को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. गिल्ड हमेशा से स्वतंत्र, निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता के सिद्धातों की बात करता रहा है. लेकिन इस तरह की शक्तियां जो पहले केवल सूचना आयुक्तों द्वारा प्रयोग की जाती थीं उनका सचिवों को सौंपा जाना मीडिया के काम काज की गंभीरता को कम करेगा.
बता दें कि आंध्रप्रदेश सरकार ने अभी हाल ही में एक आदेश निकाला है जिसके अनुसार आंध्र सरकार मीडिया संस्थानों पर प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में की गई खबरें जो उनकी निगाह में गलत और बेबुनियाद हैं ऐसी खबरें छापने पर मुकदमा कर सकते हैं. उनका कहना है कि ‘हमारी नज़र में ऐसी घटनाएं आई हैं जब कुछ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया संस्थान जान-बूझकर सरकार और सरकारी अधिकारियों की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं. वो द्वेषपूर्ण इरादों से फ़र्जी, बेबुनियाद और मानहानि वाली ख़बरें चला रहे हैं.’
आंध्र सरकार ने ये भी कहा है कि ऐसा प्रेस की आज़ादी पर लगाम लगाने के लिए बल्कि ‘फ़ेक न्यूज़’ और ‘मनगढ़ंत ख़बरें’ रोकने के लिए किया गया है.