
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का एक नया वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इस वीडियो में वे कटरा के एक आश्रम में माता की भक्ति में डूबे हुए नजर आ रहे हैं और गायक के साथ मिलकर भजन गाते हुए “तू ने मुझे बुलाया शेरावालिये, मैं आया मैं आया शेरावालिये” गा रहे हैं। यह वीडियो 23 जनवरी (गुरुवार) का है, और इसे देखकर कई लोग हैरान हो गए, क्योंकि फारूक अब्दुल्ला जैसे नेता को इस रूप में देखना लोगों के लिए नया था।
रोपवे निर्माण का किया विरोध
यह कार्यक्रम कटरा के एक आश्रम में आयोजित किया गया था, जहां फारूक अब्दुल्ला ने भजन गाने के अलावा स्थानीय मुद्दों पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कटरा में रोपवे परियोजना के विरोध में कटरा के लोगों के समर्थन में आवाज उठाई और कहा कि मंदिरों के संचालन से जुड़े किसी भी कदम को इस तरह से नहीं उठाना चाहिए, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी हो। साथ ही, उन्होंने रोपवे के निर्माण के लिए जिम्मेदार बोर्ड की आलोचना की, यह कहते हुए कि शहर के हितों को नजरअंदाज कर कोई भी परियोजना नहीं बनाई जानी चाहिए।
रामधुन को लेकर भी वायरल हुआ था वीडियो
फारूक अब्दुल्ला का यह बयान उनकी राजनीति और धार्मिक दृष्टिकोण को लेकर नए सवाल खड़े करता है। इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि फारूक अब्दुल्ला समय-समय पर धार्मिक और राजनीतिक मसलों पर अलग-अलग पक्षों को अपना रहे हैं। इससे पहले, पिछले साल अप्रैल में भी रामधुन को लेकर उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे धार्मिक गीत गाते नजर आए थे।
यह स्थिति यह दर्शाती है कि फारूक अब्दुल्ला का राजनीतिक व्यक्तित्व कभी-कभी विभिन्न पहलुओं में दिखता है—जहां एक ओर वे कट्टर राजनीतिक लड़ाई लड़ते हैं, वहीं दूसरी ओर धार्मिक आयोजनों में भी सक्रिय रहते हैं। उनके इस दोहरे रूप को देखकर यह समझना मुश्किल हो जाता है कि वे अपनी धार्मिक आस्थाओं और राजनीतिक रणनीतियों को कैसे संतुलित करते हैं।(एजेंसी)