महासमुन्द

राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के अध्ययन दल ने सिरपुर में सांस्कृतिक एवं वास्तु कौशल कला को देखा

राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के अध्ययन दल ने सिरपुर में सांस्कृतिक एवं वास्तु कौशल कला को देखा

प्रभात मोहंती

देश विदेश के 16 अधिकारी सिरपुर भ्रमण पर पहुंचे

महासमुंद :  रक्षा मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के अधीन राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय (एनडीसी) के श्रीलंका, मोरेक्को, नाइजेरिया, नेपाल, यूएई सहित देश के 16 सदस्यीय अधिकारियों के दल ने सोमवार को महासमुंद जिले के पर्यटन स्थल सिरपुर का भ्रमण किया। उन्होंने सिरपुर के लक्ष्मण मंदिर, मूर्ति संग्रहालय, सुरंग टीला, तीवरदेव बौद्ध विहार, स्वास्तिक विहार को देखा और प्राचीन कला की सराहना की।

दल के अधिकारियों ने कहा कि बहुत नजदीक से हमने सिरपुर और छत्तीसगढ़ को देखा है। देख कर यह बात समझ आ रही है कि हम पहले से ही जुड़े हुए हैं, यहां पर आकर जानकारी मिली। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने सिरपुर की सांस्कृतिक एवं वास्तु कौशल कला की विशिष्टताओं सहित विभिन्न विकास गतिविधियों से अध्ययन दल को अवगत कराया। इस दौरान अध्ययन दलों ने सिरपुर के कला, कौशल और प्राचीनतम रूप को देखकर अभिभूत हुए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक  आशुतोष सिंह, अपर कलेक्टर रवि राज ठाकुर, आर्कियोलॉजिस्ट श्री प्रभात कुमार सिंह, सिरपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ राजेन्द्र राव मौजूद थे।

 सिरपुर भ्रमण पर पहुंचे रक्षा अधिकारी दल ने बिहान के महिला स्व सहायता समूह से चर्चा की। इस दौरान स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि अब महिलाएं समूह से जुड़कर आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सुदृढ़ और आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। वहीं परिवार के पालन-पोषण में उनकी समान सहभागिता रहती है। दल के अधिकारियों ने समूह के महिलाओं और उनके द्वारा संचालित गतिविधियों की सराहना करते हुए और भी बेहतर ढंग से कार्य निष्पादित करने की बात कही। अधिकारियों ने महिला समूह द्वारा बनाए गए उत्पाद की सराहना की। इस दौरान महिला सदस्यों ने अधिकारियों को बांस की टोकरी में उपहार भेंट किया।

बतादें कि राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय का अध्ययन दल छत्तीसगढ़ में 2 से 7 फरवरी तक रायपुर, महासमुंद, कोंडागांव, बस्तर, भिलाई आदि के महत्वपूर्ण स्थलों का अवलोकन करेंगे। अंडर स्टैंडिंग इंडिया मॉड्यूल के तहत 16 अधिकारियों का दल छत्तीसगढ़ पहुंचा है, जो प्रदेश में विभिन्न पहलुओं सहित राज्य में हो रहे विकास कार्यों और गतिविधियों का अध्ययन कर रहे हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति, सामाजिक-सांस्कृतिक विशेषताओं सहित जनजातीय बाहुल्य इलाकों के विशेष संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारियां के साथ राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, उद्योग, महिला सशक्तिकरण के साथ ही विकास से जुड़े विषयों पर अध्ययन दल द्वारा अवलोकन किया जा रहा है। उस राज्य की भाषा, इतिहास, संस्कृति, ज्ञान विज्ञान आदि को अपनायेगा और उसको पूरे देश के सामने रखेगा। जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। दो अलग-अलग राज्यों के लोगों को एक-दूसरे राज्यों की संस्कृति और सभ्यता को समझने एवं अपनाने का मौका मिलेगा जो, निश्चित रूप से पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि करेगा। जिससे आत्मनिर्भर भारत के सपने को बल मिलेगा।

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