
संवाददाता- प्रभात मोहंती..
महासमुंद : बीटीआई रोड खैराबाड़ा में चल रहे भागवत कथा के सातवें दिन आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री सिलयारी धाम (चाय वाले बाबा) ने भक्तों को बैकुंठ दर्शन, कंस वध कथा तथा रामपंध्यायी का विस्तार से श्रवण कराया। आचार्य ने भगवान श्रीकृष्ण के गोकुल की लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान भाव के भूखे हैं। उन्हें मूल्यों से आंका नहीं जा सकता। उनके बांसुरी की धून सुनकर गोपियां सुध-बुध खोकर प्रभु के पीछे चली आती थीं। ये सभी गोपियां त्रेता युग में भगवान के परम भक्त थे। प्रभु ने उनकी इच्छाओं की पूर्ति द्वापर युग में की।
उन्होंने कहा कि भक्ति की एक सीमा होती है, लेकिन, प्रेम की कोई सीमा नहीं होती। युगों-युगों तक तपस्या, साधना, भक्ति करने से भी प्रभु का दर्शन विरले ही मिलता है, लेकिन जो प्रेमी भक्त होते हैं। प्रभु उनके प्रेम में खीचे चले आते हैं। आज बारिश के दाैरान भी भक्तों की भीड़ देखने को मिला। बड़ी संख्या में भक्तों ने बरसते पानी में भागवत कथा का श्रवण किया। आयोजन कर्ता उषा कमलनारयण चंद्राकर, शिल्पा सपन चंद्राकर, सृजन, स्वर्णा चंद्राकर, सीमा खेमराज के परिवार सहित बड़ी संख्या में माताएं-बहनें कथा सुनने उपस्थित हुए।