
सूरजपुर : जर्जर छात्रावास भवन में आदिवासी छात्र भविष्य गढ़ने को तब विवश है जब इसी छात्रावास से करीब महज सौ मीटर की दूरी पर विधायक का आवास है। जिला मुख्यालय के आदिवासी प्री मैट्रिक बालक छात्रावास की हालत बेहद जर्जर है। इस छात्रावास में ६४ पुराने और ३४ नए छात्र हैं। जहाँ बच्चोंको हर वर्ष बारिश में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बारिश शुरू होते ही छात्रावास परिसर में पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण घुटने तक पानी भर जाता है। जिसके कारण पूरा परिसर तालाब में तब्दील होकर रह गया हैं।
परिसर बना तालाब, कमरों में भी घुटनो तक पानी जाता है। छात्रावास के अंदर सोने वाले कमरे में भी पानी भरा रहता है।। कई बार आला अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी पानी निकासी के लिए कोई समुचित उपाय नहीं किये जाने से छात्र हताश है। बताया जाता है कि सबसे पुराने छात्रावास की यह हालत वर्षों से है पर आज तक किसी ने इसकी सुध नहीं ली है। इस प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास की हालत इतनी जर्जर है की हर पल बच्चों की जिंदगी खतरे में रहती है है जिससे छात्रावास के बच्चे डर के माहौल में रहने को विवश है।वा कर रहा हूं ध्यानाकर्षित
छात्रावास अधीक्षक विजय कुमार टोप्पो ने कहा यह भवन बहुत पुरान और जर्जर हो हो चुका चुका है नए भवन का हमेशा मांग किया जाता रहा है। परंतु अभी तक किसी ने संज्ञान नहीं लिया, कल ही मंडल संयोजक से बात हुई है। वे देखने आने वाले है कब आते है उनका इंतजार है। कमरों में चारों तरफ पानी ही पानी नजर आता है, दीवारों की स्थिति इतनी गंभीर है जगह जगह दीवारों में दरार, बारिश होने पर छत से टपकता पानी छात्रावास के अंदर बाहर बाह गंदगी का अंबार यह बेहद चिंताजनक हैं।