महासमुन्द

विनोद चन्द्राकर दोगलेपन से बाज आए

विनोद चन्द्राकर दोगलेपन से बाज आए

संवाददाता- प्रभात मोहंती..

महासमुंद : पूर्व विधायक एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. विमल चोपड़ा ने पूर्व विधायक विनोद चन्द्राकर द्वारा आये दिनो भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र एवं राज्य सरकार व प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के विरूद्ध दिया जा रहें उल-जूलूल बयानो की निंदा करते हुए उन्हे दोगलेपन ये से बाज आने को कहा है ग्राम अछोली में निर्माणधीन पिकाडिली शराब फैक्ट्री की स्थापना पूर्व विधायक विनोद चन्द्राकर के कार्यकाल एवं कांग्रेस स्वीकृति से प्रारंभ हुआ और यदि विनोद चन्द्राकर को पता है कि शराब निमार्ण में बहुत ज्यादार पानी की आवश्यकता होती है तो पानी या तो बोर के माध्यम से लिया जाता तो गांव व आसपास के घारों व खेत के बोर सुख जाते और यदि नदी से लिया जाय तो क्षेत्र वासियों के साथ अन्याय होगा फिर उन्होने इसकी स्थापना का विरोध क्यों नही किया शराब इनकी सोच थी की इस फैक्ट्री के लिए पानी टैंकरो के माध्यम से प्रशांत महासागर से लाया जाएगा । 

डाॅ. चोपड़ा ने विनोद चन्द्राकर के इस दावें को हास्यस्पद बताया कि यह योजना उनकी विधायकी में कांग्रेस कार्यकाल में बनी जबकी यह योजना मैने  अपने कार्यकाल में बनवायी एवं केन्द्र शासन के जल जीवन मिशन से इसका  क्रिंयान्वयन प्रारंभ हुआ परंतु विनोद चन्द्राकर अपने पांच साल के कार्यकाल में इसे पूरा नही कर पाए बल्कि जल जीवन मिशन की टंकियों से गांव में पानी सप्लाई के बजाये ये अपना और कांग्रेस के प्रचार के लिए इसका उपयोग होर्डिंग के रूप करतें रहें ।

भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बिरकोनी को ओघोगिक क्षेत्र बनाकर वहाॅं उद्योग के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध करा कर उनकी स्थापना करवाई परंतु कांगे्रस शासन में करणी कृपा एवं पिकाडिली शराब फैक्ट्री जैसे उद्योग उनके लिए बिना पानी की व्यवस्था किये एवं इनसे होने वाले प्रदुषण के निदान इनकी स्थापना किन कारणो से कराई गई यह आज तक रहस्य बना हुआ है करणी कृपा को लेकर  हो रही अशांती के लिए पूर्णतः विनोद चन्द्राकर एवं कांगे्रस शासन जिम्मेदार है ।

कांग्रेस का दोगला पन यहीं उजागर हो जाता है कि एक तरफ से अडानी का विरोध करते है वहीं महानदी समोदा बैराज के पानी का बड़ा हिस्सा किसानो से छिन कर पक्के एग्रीमेंट के साथ अडानी के बिजली सयंत्र को सौप देते है। और अब रोना रोते है किसानो का । अब ये कितने भी मगरमच्छी आंसू बहा ले  जनता इनके भुलावंे में नही आने वाली है । 

डाॅ. चोपड़ा ने आगे कहा कि उद्योगो की स्थापना भी क्षेत्र विकास के लिए आवश्यक है परंतु इसकी स्थापना से जनता की हितों का हनन नही होना चाहिए प्रदुषण, पानी की समस्या लोगांे के जमीन का अधिग्रहण इन समस्यों का सामना क्षेत्र वासियों का न करना पड़े इसका ध्यान शासन प्रशासन को रखना चाहिए ।

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