कोरबा

महतारी वंदन योजना बनी कैलाशो बाई के जीवन की मुस्कान

महतारी वंदन योजना बनी कैलाशो बाई के जीवन की मुस्कान

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा' से साभार

कोरबा : रोजी-मजदूरी कर जीवन-यापन करने वाली कैलाशो बाई आज छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर जीवन जी रही हैं। कोरबा जिले के पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के नवापारा गांव की निवासी 70 वर्षीय कैलाशो बाई का जीवन कभी कठिनाइयों से भरा था। चार वर्ष पूर्व पति के निधन के बाद वे अकेली रह गईं और वृद्धावस्था में जीवनयापन के लिए संघर्ष करना पड़ा।

कैलाशो बाई बताती हैं कि जब हसदेव नदी पर बांगो बांध का निर्माण कार्य चल रहा था, तब वे अपने पति के साथ मजदूरी किया करती थीं। दिनभर की कड़ी मेहनत के बदले उन्हें चंद रूपए पारिश्रमिक के रूप में मिलते थे। आज वही कैलाशो बाई महतारी वंदन योजना के अंतर्गत हर महीने एक हजार रुपये की सहायता राशि प्राप्त कर रही हैं। वे कहती हैं, “अब सरकार हर महीने हमें एक हजार रुपये देती है, जिससे घर का खर्च आसानी से चल जाता है और किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।”

महतारी वंदन योजना ने कैलाशो बाई जैसी हजारों महिलाओं के जीवन में नई उम्मीद जगाई है। यह योजना न केवल आर्थिक सहयोग का माध्यम बनी है, बल्कि माताओं और बहनों के जीवन में आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता की भावना को भी सशक्त कर रही है। अतीत के संघर्षों को याद करते हुए कैलाशो बाई आज मुस्कुराकर कहती हैं - “अब जीवन में सहारा है, सम्मान है और आत्मनिर्भरता का संबल भी।”

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