द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा' से साभार
इंटीग्रेटेड फार्मिंग और कृषि में नवाचारों के उपयोग को बढ़ावा देने के दिए निर्देश
उद्यानिकी फसलों का दायरा में वृद्धि करने एवं किसानों को इससे होने वाले लाभों की जानकारी देने को कहा
जशपुरनगर : प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के सेंट्रल नोडल अधिकारी श्री पी. अंबलगन की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में योजना के क्रियान्वयन संबंधी समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में उन्होंने संबंधित विभागों से प्रगति की जानकारी प्राप्त कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर कलेक्टर श्री रोहित व्यास एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अभिषेक कुमार उपस्थित थे। श्री अंबलगन ने इंटीग्रेटेड फार्मिंग पर विशेष जोर देते हुए कहा कि फसल उत्पादन के साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गी एवं बकरी पालन तथा वानिकी जैसे घटकों को अपनाकर किसानों की आय में वृद्धि की जा सकती है। उन्होंने अधिकारियों को किसानों को इन बहुविध कृषि गतिविधियों के प्रति प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने उद्यानिकी फसलों का दायरा बढ़ाने, किसानों को इसके लाभों से अवगत कराने तथा सौर सुजला योजना सहित अन्य योजनाओं से उद्यानिकी उत्पादकों को लाभान्वित करने पर विशेष बल दिया। श्री पी. अंबलगन ने किसानों को कृषि यंत्रों के उपयोग एवं इन पर मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मशीनों के उपयोग से लागत कम होती है तथा उत्पादकता में वृद्धि होती है। साथ ही खेती-किसानी में नवाचारों, विशेषकर ड्रोन तकनीक के प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को ऋण प्राप्त कराने हेतु गांव-गांव अभियान चलाने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक कृषक इससे लाभान्वित हो सकें।
साथ ही सभी अधिकारियों को किसानों की समस्याओं को नजदीक से समझने एवं उनका त्वरित समाधान करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि एक व्यापक कार्ययोजना बनाकर किसानों में उद्यमिता कौशल विकसित किया जाए, जिससे वे कृषि को एक लाभप्रद व्यवसाय के रूप में आगे बढ़ा सकें।
बैठक में उन्होंने उन्नत किस्म के बीजों में उपयोग के बारे में किसानों को जानकारी देने करने को कहा, ताकि कम संसाधन के उपयोग के बावजूद फसल के उत्पादन में वृद्धि हो। साथ ही मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बनाने किसानों को जागरूक करने को कहा ताकि किसान अपने खेत की मिट्टी की स्थिति के बारे में विवेकपूर्ण तरीके से उर्वरकों का उपयोग कर सके। उन्होंने उद्यानिकी फसलों के उत्पादन हेतु पॉली हाउस के निर्माण में मिलने वाली सब्सिडी और इससे माध्यम से उत्पादन में वृद्धि एवं होने वाले लाभों के बारे में किसानों में जागरूकता प्रसार करने के निर्देश दिए। श्री अंबलगन ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से सभी किसानों को जोड़ने को कहा, ताकि किसी आपदा में नुकशान की स्थिति में भरपाई हो सके। उन्होंने कृषि उत्पाद हेतु स्टोरेज हाउस बनाने हेतु मिलने वाली सब्सिडी के बारे में जागरूक करने को और इच्छुक व्यक्ति को इसका लाभ दिलानें की बात कही।
बैठक में कलेक्टर श्री रोहित व्यास और जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार ने कृषि के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों और कृषकों की आमदनी बढ़ाने हेतु किए जा रहे उपायों की जानकारी दी। उन्होंने एर्गी-हार्टी एक्सपों एवं क्रेता-विक्रेता सम्मेलन, कटहल मेला, बाला नदी, बांध और नहरों का पुनर्जीवन कर सिंचाई क्षेत्र का विस्तार, जी.कॉम के माध्यम से मार्केट लिंकेज, प्रगतिशील कृषकों का वाट्सअप ग्रुप, किसान कॉल सेंटर एग्रीबीड की स्थापना, फसल निगरानी डिवाइस की स्थापना सहित अन्य नवाचारों के बारे ने बताया और इससे कृषकों को हो रहे लाभों की जानकारी दी। श्री अंबलगन ने जिला प्रशासन की इन कार्यों की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृृषि योजना के तहत खेती-किसानी में पिछड़े देश के 100 जिलों के लिए विशेष कार्ययोजना बनाया गया है। इसका उद्देश्य इन कृषि जिलो को आत्मनिर्भर और समृद्धि बनाना है। इस योजना में छत्तीसगढ़ में जशपुर, दंतेवाड़ा और कोरबा को शामिल किया गया है। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।













.jpg)
















