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कांग्रेस सरकार की ताकतवर अफसर सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज

कांग्रेस सरकार की ताकतवर अफसर सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज

रायपुर : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार की सबसे ताकतवर अफसर रहीं सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. आज कोल लेवी मामले में सुनवाई हुई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज की है. इसके साथ ही कोर्ट ने सौम्या चौरसिया पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट में गलत तथ्य पेश करने पर जुर्माना लगाया गया है. बता दें कि भूपेश बघेल सरकार में सीएम सचिवालय में उप सचिव पद पर सौम्या चौरसिया थीं.  ईडी ने अवैध कोल लेवी मामले में सौम्या को 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था, इसके बाद से वे सेंट्रल जेल रायपुर में बंद हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले बिलासपुर हाईकोर्ट पहले ही याचिका खारिज कर चुका है.

क्या है मामला?
प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था. आयकर विभाग ने 2021 जून में कहा था कि ईडी की टीम ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में छापेमारी के बाद 100 करोड़ रुपये से अधिक के कथित हवाला रैकेट का भंडाफोड़ किया है. हवाला लेनदेन के तहत औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से हटकर नकदी का लेनदेन हुआ है. 

सौम्या चौरसिया के घर पर फरवरी 2020 में भी छापा मारा गया था. फरवरी 2020 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित उनके करीबी सहयोगियों पर इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी से मामला राज्य बनाम केंद्र बन गया था.

छापे के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने उन 19 कारों को जब्त कर लिया था जिसे छापेमारी के लिए कथित तौर पर आयकर अधिकारियों ने किराये पर लिया था.

'सुपर CM' कहलाती थीं सौम्या
बीबीसी की खबर के अनुसार छत्तीसगढ़ की राजनीति और नौकरशाही में पिछले कुछ सालों में सौम्या चौरसिया, सबसे चर्चित और प्रभावशाली नाम रहा है. यहां मंत्री-विधायक और अफसरों से जुड़े हर छोटे-बड़े प्रशासनिक और राजनीतिक फ़ैसले को सौम्या चौरसिया से जोड़ा जाता था. 2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया कलेक्टर तो नहीं बन पाईं थीं, लेकिन 17 दिसंबर 2018 को जब भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, उसके तीसरे ही दिन मुख्यमंत्री सचिवालय में बतौर उप सचिव सौम्या चौरसिया की नियुक्ति का आदेश भी जारी हो गया था. बता दें कि 15 साल के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में, भारतीय राजस्व सेवा की नौकरी छोड़ कर मुख्यमंत्री सचिवालय में शामिल हुए अमन सिंह को राज्य का सबसे ताक़तवर व्यक्ति माना जाता था. 

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