नयी दिल्ली : पत्रकार संगठनों ने प्रभात खबर के प्रधान सम्पादक को मिली धमकी की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। संगठनों ने इस घटना को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला करार दिया है। सार्क जर्नलिस्ट फोरम के अन्तरराष्ट्रीय प्रमुख राम नाथ विद्रोही ने कहा है,कि झारखंड एवं बिहार के सुप्रसिद्ध हिन्दी दैनिक प्रभात खबर के प्रधान सम्पादक को जेल में बंद एक व्यवसायी ने धमकी दी।इस घटना की जानकारी विस्तार से उस पत्र में प्रकाशित की गई है।
श्री विद्रोही ने कहा कि इस घटना से सम्पूर्ण पत्रकारिता जगत में रोष है। यह लोकतंत्र में चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने का प्रयास है। इसे कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। झारखंड सरकार को इस दिशा शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए। पेरियाडीकल प्रेस आफ़ इंडिया (पी पी आई)के अध्यक्ष डॉ.सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि जेल से धमकी मिलना गंभीर मसला है। आखिर जेल में बंद व्यक्ति को बाहर बात करने की सुविधा कैसे मिली?
उन्होंने कहा कि समाचार पत्र के प्रधान सम्पादक को वहाँ से धमकी मिलना गंभीर चिंता का विषय है। सरकार इस घटना की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। यूनाइटेड इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रमुख उमेन्द्र दाधीच ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए झारखंड सरकार से संपूर्ण घटना की अतिशीघ्र जांच कराकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
श्री दाधीच ने कहा है कि यह प्रेस की आजादी पर हमला है। इसे कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है,कि अगर असमाजिक तत्व चौथे स्तंभ पर हमला करेगे तो लोकतंत्र खतरे में पर जाएगा। सेव यूएनआई मूवमेंट के संयोजक एवं बिहार सरकार के पूर्व प्रेस सलाहकार डॉ आर के रमण ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है। इसी संगठन के समन्वयक एवं जाने माने पत्रकार डॉ समरेन्द्र पाठक ने कहा है कि प्रभात खबर के प्रधान सम्पादक को धमकी दिया जाना घोर निंदनीय है। दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई की जानी चाहिए।