हाशिम खान
रजा यूनिटी फाउंडेशन छत्तिसगढ़ ने ऐलान किया है कि 29 सफर यानी 16 सितंबर को रबी-उल-अव्वल का चांद हो गया है। इसलिए रबी-उल-अव्वल की पहली तारीख 17 सितंबर को होगी। ईद मिलाद-उन-नबी 28 सितंबर को मनाया जाएगा।
मिलाद उन नबी इस्लाम धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है। इस शब्द का मूल मौलिद है, जिसका अर्थ अरबी में जन्म है। अरबी भाषा में 'मौलिद-उन-नबी' का मतलब, हज़रत मुहम्मद सल लल लाहु अलैहि व सल्लम की पैदाईश है। यह त्यौहार 12 रबी अल-अव्वल को पुरी दुनिया में मनाया जाता है, मिलाद उन नबी संसार का सबसे बड़ा जश्न माना जाता है।
मिलाद-उन-नबी इस्लामी माह के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 11वें और 12वें दिन मनाया जाता है। पैगंबर मोहम्मद सल लल लाहू अलैहि व सल्लम ने अल्लाह के हुक्म से जिस दिन को चलाया, उसे ही इस्लाम कहा जाता है। ईद मिलाद-उन-नबी के दिन घर, गलियों, मस्जिदों को लाइटों, झंडियों से सजाया जाता है और धूमधाम से पैगंबर मोहम्मद सल लल लाहू अलैहि व सल्लम की याद मनाई जाती है। इस दिन कुरान शरीफ की तिलावत की जाती है, इस्लाम के पैगाम को आम किया जाता है। अपने जीवन में मोहम्मद सल लल लाहू अलैहि व सल्लम की शिक्षा को उतारने के लिए प्रेरित किया जाता है। पैगंबर मोहम्मद सल लल लाहू अलैहि व सल्लम के सम्मान में इस दिन हर जगह जुलूस निकाले जाते हैं और लोग इस दिन गरीबों व जरूरतमंदों को दान व जकात देते हैं। रज़ा यूनिटी फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष शादाब आलम रजवी ने छत्तिसगढ़ प्रदेश के मुसलमानों से गुज़ारिश की है की प्रदेश में शांति सद्भाव के साथ मिलादुन्नबी मनाया जाए।