महासमुन्द

“गंगा प्रसाद जी की प्रथम पुण्य तिथि पर वरिष्ठ नागरिक सम्मान,पुस्तक विमोचन”

“गंगा प्रसाद जी की प्रथम पुण्य तिथि पर वरिष्ठ नागरिक सम्मान,पुस्तक विमोचन”

बिलासपुर : महान गांधीवादी सेनानी पं गंगा प्रसाद बाजपेयी जी की प्रथम पुण्यतिथि 2 अक्टूबर को वरिष्ठ नागरिक सम्मान एवं स्मृति ग्रंथ का विमोचन कार्यक्रम नगर स्थित विकाश नगर 27 खोली में दोपहर 12-00 बजे सम्पन्न होगा उक्त जानकारी देते हुये कार्यक्रम संयोजक पूर्व विधायक चन्द्र प्रकाश बाजपेयी ने बतलाया कि पं गंगा प्रसाद बाजपेयी जी ने  देश का पहला भारत पेशनर्स समाज का भवन 1995-96 में बनवाया । हाई कोर्ट पेशनर्स लोक अदालत के वर्षों जूरी मेम्बर रहकर कार्य किया उनकी सेवाओं को स्मरण कर वरिष्ठ नागरिकों का साल श्रीफल से सम्मानित किया जावेगा । 

ज्ञात हो वर्ष 1939 में कांग्रेस का 52वाँ अधिवेशन त्रिपुरी में संपन्‍न हुआ । ठाकुर छेदीलाल बैरिस्टर कार्य समिति के सदस्य एवं मध्य प्रांत के अध्यक्ष थे । पार्टी ने अधिवेशन की  जिम्मेदारी सौंपते हुए बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल जी को जी.ओ.सी. (जनरल ऑफिसर कमाण्डर)  उस अधिवेशन में सेवादल सेनानी स्वरूप पं गंगाप्रसाद बाजपेयी ध्वज टुकड़ी एवं मार्चिंग टीम में शामिल हुए थे वे लेझिंग ड्रील मार्च पास्ट में निपूर्ण थे । उसी अधिवेशन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस कांग्रेस अध्यक्ष चुने गये । अत्यधिक बीमार पड़ जाने के कारण ठाकुर छेदीलाल बैरिस्टर ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की विशाल फोटो हाथी के हौंदा में रख दी । आकर्षक झांकी में 52 हाथी, ऊँट, घोड़े एवं मार्च-पास्ट बैण्ड की टुकड़ी ने सलामी दी ।

मार्च 1942 में नगर स्थित कोनी गाँव में कांग्रेस सेवादल का एक शिविर जिला प्रमुख चित्रकांत जायसवाल जी के नेतृत्व में लगाया गया । सेवादल के संरक्षक मुकुंद केशव चितले कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उस शिविर में अपने वरिष्ठ साथी डॉ. वासुदेव देवरस, दयाशंकर दुबे, देवदत्त भट्ट, साधुलाल, क्रांतिकुमार भारती, पी. जनार्दन नायडु, हरसेवक सिंह परिहार, बशीर अहमद, लक्ष्मी नारायण दुआ, श्रीकांत वर्मा, रामगोपाल श्रीवास्तल, मंगल भाई, बी.आर. यादव, एम.सी. ओत्तलवार, फागुराम ताग्रकार (तखतपुर ), सुरेशचंद्र तिवारी आदि साथियों के साथ शामिल होकर प्रशिक्षण लिया । महात्मा गाँधी जी के बिलासपुर नगर आगमन पर भारी भीड़ के बावजूद बच्चे होते हुए भी उनके निकट पहुँचकर ऑटोग्राफ मांगा । बापू ने कहा - “मैं देश की आजादी हेतु निकला हूँ, देश-सेवा के लिए कुछ सहयेग लेकर हस्ताक्षर देता हूँ ।

'” गंगाप्रसाद बाजपेयी ने बापू से आग्रह कर कहा - “बापू, मैं बच्चा हूँ । मेरे पास आपको देने हेतु कोई पैसे नहीं है, मैं दिल से देश-सेवा को तत्पर हूँ । मेरे गले में एक गमछा रखा है, मैं उसे ही भेंट कर आपका हस्ताक्षर चाहता हूँ ।' राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने छोटे बच्चे के सिर पर हाथ रख आशीष देते हुए उन्हें अपना ऑटेग्राफ दे दिया | 9 अगस्त वर्ष 1942 में महात्मा गाँधी के अव्हान “अंग्रेजों भारत छोड़ो" आंदोलन में अपने दलनायक स्व. चित्रकांत जायसवाल जी के निर्देश पर शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला बिलासपुर में अपने दल साथियों के साथ तिरंगा झंडा फहरा दिया । प्राचार्य द्वारा विरोध करने पर दल के साथ सड़क से ही मिट्टी, पत्थर, धूल उठाकर मार दिया, जिससे उन्हें चोंट पहुँची । पुलिस ने गिरफ्तार कर दिया । उम्र कम होने के कारण स्कूल के 12-13 साथियों को सिविल लाईन पुलिस ने शाम छोड़ दिया । गंगाप्रसाद बाजपेयी ने खादी धारण कर ताउम्र गाँधीवादी एवं विनोबा भावे की जीवन-पद्धति को जीवन-पर्यंत निभाया।

उनकी पुण्य तिथि पर एक स्मृति ग्रंथ का प्रकाशन  किया गया है जिसका विमोचन भी सम्पन्न होगा । कार्यक्रम में सभी वर्गों पेशनर्स,ज्येष्ठ नागरिक संघ,लाफ्टर क्लब,समाज के वरिष्ठ जनो एवं जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है । 

(चंद्रप्रकाश बाजपेयी पूर्व विधायक)
संयोजक

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